બુધવાર, 30 ઑક્ટોબર, 2019
विभिन्न संस्थाओं के संस्कृत ध्येय वाक्य
રવિવાર, 11 ઑગસ્ટ, 2019
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या है अंतर ?
!!!एक रोचक तथ्य!!!
जानिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या है अंतर ?
पहला अंतर
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।
जबकि
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।
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दूसरा अंतर
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।
जबकि
26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं
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तीसरा अंतर
स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।
जबकि
गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।
શનિવાર, 25 મે, 2019
Do we know actual full form of some words???
Do we know actual full form of some words???
News paper = North East West South past and present events report.
Chess = Chariot, Horse, Elephant, Soldiers.
Cold =Chronic Obstructive Lung Disease.
Joke =Joy of Kids Entertainment.
Aim =Ambition in Mind.
Date =Day and Time Evolution.
Eat =Energy and Taste.
Tea =Taste and Energy Admitted.
Pen =Power Enriched in Nib.
Smile =Sweet Memories in Lips Expression.
Bye =Be with you Everytime.
રવિવાર, 10 માર્ચ, 2019
ब्राह्मण समाज
ब्राह्मण निर्धन होगा तो बनेगा सुदामा फिर एकदिन कृष्ण उसकी सेवा करेँगे..
ब्राह्मण अपमानित होगा तो बनेगा चाणक्य,फिर एक दिन नये राज्य कि स्थापना कर देगा,,,
ब्राह्मण सटया जायेगा तो बनेगा परशुराम, फिर एक दिन पापीयो का विनाश कर देगा,
ब्राह्मण पढेगा तो आर्यभट्ट बन जायेगा,
फिर एक दिन पुरे विश्व को 0 (ZERO)दे जायेगा,
ब्राह्मण जब वेद धर्म का विनाश देखेगा,
तो आदि शँकराचार्य बन जायेगा फिर एक दिन वैदिक धर्म कि स्थापना कर देगा,
ब्राह्मण जब लोगो को बीमार देखेगा तो
चरक बन जायेगा, फिर एक दिन पुरे विश्व को आर्युवेद दे जायेगा,
ब्राह्मण ने हमेशा अपने ज्ञान के प्रकाश से विश्व को प्रकाशित किया है,
प्रणाम है ब्राह्मण समाज को. .
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी.
ब्राह्मण धर्म - वेद
ब्राह्मण कर्म - गायत्री
ब्राह्मण जीवन - त्याग
ब्राह्मण मित्र - सुदामा
ब्राह्मण क्रोध - परशुराम
ब्राह्मण त्याग - ऋषि दधिची
ब्राह्मण राज - बाजीराव पेशवा
ब्राह्मण प्रतिज्ञा - चाणक्य
ब्राह्मण बलिदान - मंगल आजाद
ब्राह्मण भक्ति - रावण
ब्राह्मण ज्ञान - आदि गुरु शंकराचार्य
ब्राह्मण सुधारक - महर्षि दयानंद
ब्राह्मण राजनीतिज्ञ - कोटिल्य
ब्राह्मण विज्ञान - आर्यभट
ब्राह्मण गणितज्ञ - रामानुजम
ब्राह्मण खिलाड़ी - सचिन तेंदुलकर
कर्म से, धर्म से, दान से, ज्ञान से, विज्ञान से,
नाम से, जीवन से, मृत्यु से, भक्ति से, शक्ति से,
मुक्ति से, आत्मा से, परमात्मा से, मूल्यों से,
संस्कारो से, बल से, बुद्धि से, कौशल से, सम्मान से, विश्वास से ब्राह्मण बनना शुरू करिए तभी अपने पूर्वजो के किये गौरवशाली कार्यो पर आप गर्व कर पायगे...
"ब्राह्मण महिमा"
ब्राह्मण:- ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न सर्वोच्च वर्ण ।
१ ब्राह्मण का जन्म: भगवान् विष्णु का अंश अवतार।
२ ब्राह्मण की विद्या: ज्ञान का अथाह सागर ।
३ ब्राह्मण की बुद्धि : समस्त समस्याओं का समाधान।
४ ब्राह्मण की वाणी : वेद का ज्ञान ।
५ ब्राह्मण की शिक्षा : जीवन जीने की कला ।
६ ब्राह्मण की दृष्टी ; सम्भाव।
७ ब्राह्मण की शिखा: संकल्पों का समूह ।
८ ब्राह्मण की दया : संकटों का हरण ।
९ ब्राह्मण की कृपा : भवसागर तरने का साधन ।
१० ब्राह्मण का कर्म : सर्व जन हिताय ।
११ ब्राह्मण का निवास : देवालय ।
१२ ब्राह्मण के दर्शन : सर्वमंगल ।
१३ ब्राह्मण का आशीर्वाद : समस्त सुखो की प्राप्ति ।
१४ ब्राह्मण की सेवा : परलोक सुधारना ।
१५ ब्राह्मण का वरदान: मोक्ष की प्राप्ति ।
१६ ब्राह्मण का अस्त्र : श्राप ।
१७ ब्राह्मण का शस्त्र : कलम ।
१८ ब्राह्मण को दान : सहस्त्रो पापो से मुक्ति ।
१९ ब्राह्मण को दक्षिणा : सात पीढ़ी का उद्धार।
२० ब्राह्मण की संतुष्ठी: सभी भयो से मुक्ति ।
२१ ब्राह्मण की हुँकार: राजा महाराजयों का चरणागत होना ।
२२ ब्राह्मण की गर्जना : सर्वभूतों का संहार ।
२३ ब्राह्मण का कोप : सर्वनाश ।
२४ सर्व ब्राह्मण की एकता : सर्व शक्तिमान।
जय महाकाल .....जय परशुराम ...