ગુરુવાર, 9 એપ્રિલ, 2020

मेरी कविताएं : मुस्कुराना सिखाना है।

चलो फिर से हाक़ल पड़ी है, सारे संसार को बचाना है।
आओ साथ मिलके सब को मुस्कुराना सिखाना है।
सांसे रुक गई, जीवन रुक गया। रुक गया सारा संसार ।
अब ना रुकेगा और कुछ, बस यही हौसला जगाना है।
आओ साथ मिलके सब को मुस्कुराना  सिखाना है
समय का तकाजा देखो, यहां मिलने से मौत मिलती है।
दूरियां ही जीवन है प्यारे। बस यही सब को बताना है। 
आओ साथ मिलके सब को मुस्कुराना सिखाना है।
हर जगह है मौत का तांडव, देखकर घबराया है सारा जहां।
कोई अकेला नहीं है जहां मै, बस यही दिलासा जगाना है।
आओ साथ मिलके सब को मुस्कुराना सिखाना है। 
दिन रात गुजारना कठिन हुआ, यहां हर कोई आज परेशान है।
होगी फिर से नई सुबह, यही आश सब में जगाना है।
आओ साथ मिलके सब को मुस्कुराना सिखाना है। 
@धरम खत्री राजपिपला
दिनांक: ०९/०४/२०२०

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